नवरात्र के शुभ दिन
नवरात्र के शुभ दिनों में धर्म का पालन करने हेतु कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। नवरात्र के नौ दिनों में खानपान को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन सदियों से भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए करते आए हैं।
नवरात्र के नौ दिन बेहद शुभ और पवित्र होते हैं इसलिए इन नौ दिनों में खाने-पीने की कुछ चीज़ों का सेवन करने की सख्त मनाही है। तो चलिए जानते हैं कि नवरात्र के पावन दिनों में कौन-सी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।
लहसुन और प्याज
प्रकृति द्वारा प्रदत्त सब्जियों में लहसुन और प्याज को सबसे निचला दर्जा दिया गया है। इन सब्जियों को खाने से व्यक्ति में काम वासनस, क्रोध, उत्तेजना और अज्ञानता बढ़ती है। इसलिए नवरात्र के नौ दिनों में लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
मांस-मदिरा
हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी प्राणी की हत्या कर उसके मांस का सेवन करना पाप होता है। इसलिए नवरात्र के दिनों में मांस, मच्छी का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। वहीं नशीली वस्तुओं या मदिरा का सेवन करने से व्यक्ति अपना विवेक खो बैठता है और उसका मन विचलित हो उठता है। नवरात्र में भक्त का मन देवी मां की भक्ति में लीन होना चाहिए। इसलिए नवरात्र में मांस और मदिरा दोनों से ही दूर रहना चाहिए।
इस प्रकार की सब्जियां
धरती के नीचे उगने वाली सब्जियों में ऊर्जा न के बराबर होती है। नवरात्र के दिनों में भक्त को ऊर्जा के बहुत जरूरत होती हैं इसलिए इन सब्जियों का सेवन करना व्यक्ति के लिए व्यर्थ है। ऐसी सब्जियों में आलू, बैंगन, परवल, लौकी, करेला आदि शामिल हैं।
व्रत का सामान
नवरात्र के दिनों में कई मंदिरों और रेस्टोरेंट्स में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन यह कहकर परोसे जाते हैं कि ये स्पेशल व्रत के लिए बनाए गए हैं और यह पूरी तरह से सात्विक भोजन है। जबकि ये बात पूरी तरह से असत्य है। बाहर मिलने वाले खाने में बार-बार पकाया गया तेल प्रयोग किया जाता है जोकि अशुद्ध होता है। शास्त्रों में सात्विक भोजन में मिर्च-मसाले नहीं होते जबकि व्रत की चाट को काफी मसालेदार बनाया जाता है और यहां तक कि इनमें बार-बार एक ही तेल का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के भोजन से दूर रहें।
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