देवों के देव महादेव
देवों के देव महादेव की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु कठिन से कठिन तपस्या करते हैं। कहते हैं कि यदि महादेव अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाएं तो वह उनकी झोली खुशियों से भर देते हैं। भोले भंडारी की पूजा पूरे संसार में की जाती है। हिंदू धर्म के एकमात्र शिवजी ही ऐसे भगवान हैं जिनके सैंकड़ों भक्त विदेशी भी हैं। आपको शिव के पूजनीय स्थान पर सैंकड़ों की संख्या में बम बम भोले के नारे लगाते हुए विदेशी श्रद्धालु दिख जाएंगें। भोले बाबा हैं ही इतने दयालु कि हर किसी पर अपनी कृपा दृष्टि रखते हैं। यदि आप भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो केवल इस दिन व्रत रखने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी और आपका घर सुख-समृद्धि से भर जाएगा। आइए जानते हैं इस मंगलकारी व्रत के बारे में -:
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भगवान शिव का व्रत
प्रदोष काल में किए जाने वाले नियम, व्रत एवं अनुष्ठान को प्रदोष व्रत कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस समय व्रत करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
व्रतराज ग्रन्थ में सूर्यास्त से तीन घंटा पूर्व के समय को प्रदोष काल माना गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि में सायं काल को प्रदोष काल कहते हैं। माना जाता है कि प्रदोष के समय कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय भगवान शिव नृत्य करते हैं और सभी देवता उनका गुणगान करते हैं।
प्रदोष व्रत
सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व है। इसके निम्न लाभ हैं -:
– रविवार के प्रदोष व्रत से निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत के लाभ
– सोमवार के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
– मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से असाध्य रोग भी ठीक होते हैं।
प्रदोष व्रत के लाभ
– बुधवार के प्रदोष व्रत से घर में सुख- समृद्धि आती है।
– बृहस्पतिवार को प्रदोष व्रत का पालन करने से विराधियों का नाश होता है।
प्रदोष व्रत के लाभ
– शुक्रवार के प्रदोष व्रत से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
– शनिवार के दिन प्रदोष व्रत से अच्छी संतान की प्राप्ति होती है।
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