बृहस्पति देव अन्य सभी देवताओं के गुरु हैं, इस कारण इन्हें देव गुरु भी कहा जाता है। कुंडली में यदि गुरु कमज़ोर या नीच स्थान में बैठा हो तो उस जातक के विवाह में देरी और भाग्य से संबंधित समस्याएं आती हैं।
गुरु विवाह का कारक है इसलिए गुरु के कमज़ोर होने पर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इस दोष को दूर करने के लिए आपको गुरुवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।
ज्योतिषशास्त्र में गुरु सबसे बड़ा, शक्तिशाली और उदार ग्रह है। गुरु ग्रह नकारात्मक एवं बुरी चीज़ों को जीवन से निकाल फेंकता है। बृहस्पति आध्यात्मिकता, दिव्यता, ज्ञान, वेद और शास्त्रों का ज्ञान, धर्म, दर्शन, संस्कृति, पूजा, यात्रा, सम्मान, दया और शक्ति का प्रतीक है।
अगर कुंडली में गुरु कमज़ोर है तो उस जातक को मूर्ख और अति आशावादी बनाता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों की आलोचना करता है। उसे मधुमेह की समस्या और मानहानि का सामना करना पड़ता है।
गुरु के दोष – कब करें गुरु को प्रसन्न
कुंडली में कमज़ोर गुरु को प्रसन्न कर उससे अच्छे प्रभाव पाने के लिए ज्योतिष में कई उपायों के बारे में बताया गया है। गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित है इसलिए इन्हें प्रसन्न करने के लिए सप्ताह का चौथा दिन यानि गुरुवार का दिन शुभ रहता है।
ज्योतिषशास्त्र में गुरु को प्रसन्न करने के लिए चमत्कारिक उपायों के बारे में बताया गया है। तो चलिए जानते हैं कि गुरु के शुभ प्रभाव पाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
– गुरु को प्रसन्न करने के लिए अपने गुरु, माता-पिता और ब्राह्मणों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
गुरु यंत्र की पूजा
गुरु को प्रसन्न करने के लिए आप गुरु यंत्र की पूजा भी कर सकते हैं। गुरु यंत्र की पूजा करने से आपके घर-परिवार में सकारात्मकता आती है और गुरु से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं। अभिमंत्रित गुरु यंत्र आप AstroVidhi से भी ऑर्डर कर सकते हैं।
दान का महत्व
– किसी मंदिर में चने की दाल और केसर का दान करें। माथे पर केसर का तिलक भी लगाएं।
– किसी जरूरतमंद व्यक्ति या बच्चे को ज्ञानवर्द्धक किताबें दान में दें।
– केले से ब्रह्मा जी का पूजन करें।
उपाय
गुरु ग्रह के दोष को शांत करने के लिए गुरुवार के दिन स्नान करते समय अपने पानी में एक चुटकी हल्दी डाल दें। अब इस पानी से स्नान करें। स्नान के पश्चात् ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ नम: मंत्र का जाप करते हुए केसर का तिलक लगाएं। अब केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें और उसे धूप-दीप दें।
पीले हकीक की माला से जाप
देवों के गुरु बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए पीले हक़ीक की माला सबसे उत्तम मानी जाती है। पीले हकीक की माला से “ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:” मंत्र का जाप करें। पीले हक़ीक की माला के प्रभाव में जातक निडर बनता है और उसमें मुश्किलों से लड़ने की ताकत आती है। अभिमंत्रित पीले हकीक की माला आप AstroVidhi से भी ऑर्डर कर सकते हैं।
न करें ये काम
बृहस्पतिवार के दिन शरीर पर साबुन लगाना, बाल धोना और कटवाना अशुभ माना जाता है। इस नियम के पीछे ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दोनों ही कारण हैं। गुरुवार के दिन ये सब काम करने से धन की हानि, आर्थिक कष्ट और ज्ञान में कमी आती है।
– किसी गरीब ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र, हल्दी, केसर, पीले रंग की दाल आदि का दान करें।
पुखराज रत्न
पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है तथा गुरु को कालपुरुष के नवम स्थान का कारक कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में नवम भाव को भाग्य स्थान की संज्ञा प्राप्त है। पुखराज के प्रयोग से गुरु के दोषो को दूर कर भाग्य वृद्धि की जा सकती है। यह भाग्य बढाने वाला रत्न हैं। पुखराज का धारण करना मान सम्मान में वृद्धि करता है साथ ही इस रत्न को धारण करने से गुरु ग्रह भी प्रसन्न रहते हैं। अभिमंत्रित पुखराज रत्न आप AstroVidhi से भी ऑर्डर कर सकते हैं।
पुखराज के बारे में जानें और भी बातें
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