शनि देव का प्रकोप बहुत घातक और विनाशकारी हो सकता है। अगर किसी पर इनकी कुदृष्टि पड़ जाए तो उसके साथ कुछ भी बुरा हो सकता है। सबसे पहले तो शनि देव के प्रकोप में जातक कंगाल बन जाता है यानि की उसकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ जाती है।
आज हम आपको शनि देव की कुछ विशेष परिस्थितियों के बारे में बता रहे हैं कि कब और कैसी परिस्थिति में होने पर शनि कैसा फल देता है और उसके उपाय क्या हैं।
शनि की साढ़ेसाती
– शनि की साढ़ेसाती के दौरान खर्चो में वृद्धि, आय में रूकावट, मानसिक चिंता, बच्चे की बीमारी पर पैसा खर्च करना पड़ता है।
– इसके अलावा शनि की साढ़ेसाती शारीरिक कष्ट, फेफड़े या पेट से सम्बंधित रोग, मानसिक और आर्थिक परेशानी देती है।
– ऐसा जरूरी नहीं है कि शनि की साढ़ेसाती हमेशा बुरा ही फल देती है। शनि की साढ़ेसाती के अशुभ फल को कम करने के लिए आप कुछ ज्योतिषियों उपायों की मदद भी ले सकते हैं।
शनि की साढ़ेसाती से बचने का उपाय
ॐ शं शनैश्चरायै नम:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: ।।
शनि की साढ़ेसाती की वजह से परेशान हैं तो आपको शनिवार के दिन शनि जप माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। शनि जप माला से जाप करने पर ही आपको इस मंत्र का पूर्ण लाभ मिल पाएगा।
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शनि की ढैय्या के प्रभाव
ढाई साल की ढैय्या के दौरान शनि देव जातक को उसके कर्मों का फल देते हैं। ढैय्या के दौरान कार्यों में बेवजह देरी आती है और किसी भी काम में सफलता नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति की हिम्मत टूट सकती है।
शनि देव सबसे पहले किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर वार करते हैं। अगर आपकी शनि की ढैय्या चल रही है तो आप कुछ ही दिनों में कंगाल भी हो सकते हैं।
शनि की ढैय्या से बचने का उपाय
अगर आप शनि की ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचना चाहते हैं तो आपको शनि देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए – ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
ध्यान रहे इस मंत्र के जाप का फल आपको तभी मिलेगा जब आप शनि जप माला से इसका जाप करेंगें।
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शनि का गोचर
अगर शनि का गोचर आपको अशुभ प्रभाव दे रहा है तो आपके मानसिक तनाव में वृद्धि होगी। शनि के गोचर के कारण पूरा जीवन अव्यवस्थित हो जाता है और कई प्रकार के दुखों का सामना करना पड़ता है।
शनि के गोचर का सबसे बुरा प्रभाव यही होता है कि ये मान-सम्मान में कमी लाता है। व्यक्ति को अपमान सहना पड़ता है और यही उसके लिए सबसे अधिक कष्टकारी होता है। शनि का गोचर सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।
शनि के गोचर का उपाय
शनि के गोचर के दौरान अशुभ फल से बचने के लिए शनि जप माला से आपको इस स्तोत्र का जाप करना चाहिए।
कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
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ध्यान रहे शनि देव के मंत्रों का जाप करने के लिए विशेष रूप से शनि जप माला बनाई गई है इसलिए अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको शनि जप माला से ही उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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