सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नांग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। सभी जानते हैं कि इस दिन नाग देवता की पूजा होती है। इस बार नाग पंचमी 27 जुलाई को मनाई जा रही है।
भोलेनाथ के गले में विराजमान होने वाले नाग देव सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु का शयन स्थल है। शास्त्रों में उल्लेख है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से मन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाने से सर्पदंश से मुक्ति मिलती है। सांप के डंक से बचने के लिए नाग पंचमी के दिन व्रत भी रखा जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध पिलाने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
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नागपंचमी पर नागदोष से पाएं मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु ग्रह का संबंध नाग से है। राहु के प्रभाव से उत्पन्न होने वाले दुर्योगों को ही नाग दोष कहा जाता है। जब कुंडली में राहु और केतु पहले घर में, चन्द्रमा के साथ या शुक्र के साथ विराजमान हों तो ऐसी स्थिति में नाग दोष बनता है।
क्यों बनता है नाग दोष
– देह संस्कार में देरी अथवा किसी अपरिचित के द्वारा अंतिम संस्कार के कारण नाग दोष लगता है।
– जब शरीर के सभी अंगों का एकसाथ दाह संस्कार न किया जाए तो यह दोष लगता है।
– यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटना, बम ब्लास्ट, आत्महत्या या ज़हर खाने के कारण हुई है तो उसे नाग दोष लग जाता है।
– पूर्वर्जों द्वारा किसी अजन्मे बच्चे की हत्या एवं काला जादू करने पर यह दोष लगता है।
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नागदोष के प्रभाव
नाग दोष होने पर जातक को कोई पुराना एवं यौन संचारित रोग होता है। इन्हें अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त नहीं होती। नाग दोष का अत्यंत भयंकर प्रभाव है कि इसके कारण महिलाओं को संतान उत्पत्ति में अत्यधिक परेशानी आती है। व्यक्ति की गंभीर दुर्घटना संभव है। इन्हें जल्दी-जल्दी अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं एवं इनकी आकस्मिक मृत्यु भी संभव है। इन जातकों को उच्च रक्तचाप और त्वचा रोग की समस्या रहती है।
नागपंचमी पर करें नागदोष से मुक्ति पाने के उपाय
– नागपंचमी के दिन महाभारत पाठ करें और किसी ज्योतिष की सलाह से पंचधातु की अंगूठी धारण करें। आप अपनी राशि अनुसार पंचधातु की अंगूठी AstroVidhi.com से भी प्राप्त कर सकते हैं।
– नागदोष से पीडित जातक को किसी भी नाग मंदिर में नमस्कार या नमन नहीं करना चाहिए।
– अगर आपकी कुंडली में नाग दोष है तो आप नागपंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन लेकर 21 बार बहते हुए जल में प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से नागदोष के साथ-साथ कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिल जाती है। आप चाहें तो अभिमंत्रित चांदी के नाग-नागिन AstroVidhi.com से भी प्राप्त कर सकते हैं।
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नागपंचमी के दिन पाएं कालसर्प दोष से मुक्ति
राहु से जुड़ा होने के कारण कालसर्प दोष भी नागों से ही संबंधित है। अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष बन रहा है तो ये नागपंचमी आपको इसके कष्टों से मुक्ति दिला सकती है। नागपंचमी के दिन आपको ये उपाय करने चाहिए।
– कालसर्प से पीडित हैं तो नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर मांगलिक चिह्न या स्वास्तिक बनाएं।
– नागपंचमी के दिन 11 नारियल बहते जल में प्रवाहित करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
आपको बता दें कि कालसर्प दोष और नागदोष से मुक्ति पाने के लिए उज्जैन के नाग चंद्रेश्वर मंदिर में नागपंचमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। ये मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नांगपंचमी के ही दिन खुलता है इसलिए अगर आप इस दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो बिना कोई देर किए अभी नाग चंद्रेश्वर मंदिर में पूजा के लिए अपनी बुकिंग करवाएं। पूजा की बुकिंग के लिए इस नंबर पर संपर्क करें – 82852 82851
ये मौका साल में सिर्फ एक बार ही आता है इसलिए देर मत कीजिए और कालसर्प दोष और नागदोष से मुक्ति पाने के लिए अभी बुकिंग करवाएं।
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