ज्योतिषशास्त्र में तो रत्नों का विशेष महत्व है ही साथ ही सेहत के लिए भी स्टोन बहुत फायदेमंद होते हैं। हर रत्न का सेहत पर अलग प्रभाव पड़ता है। रोग के ईलाज के लिए दवाओं के अलावा रत्नों की सहायता भी ली जा सकती है। वहीं रोगों से बचाव के लिए भी स्टोन अहम् भूमिका निभाते हैं। तो आइए जानते हैं कि कौन-सा स्टोन किस प्रकार के रोग में फायदेमंद रहता है।
सूर्य का स्टोन माणिक्य
सूर्य का स्टोन माणिक्य लालं रंग का होता है। ह्रदय रोग और लो ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को माणिक्य धारण करने से फायदा होता है। नेत्र संबंधी रोगों और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी माणिक्य फायदेमंद है।
चंद्रमा का स्टोन मोती
चंद्रमा का स्टोन मोती मानसिक रोगों में बहुत फायदेमंद रहता है। जिन्हें बहुत ज्यादा तनाव रहता है उन्हें भी मोती धारण करना चाहिए। इसके अलावा निराशा, श्वास सम्बन्धी रोग, सर्दी-जुकाम के लिए मोती पहनना गुणकारी होता है।
मंगल का मूंगा
मंगल का स्टोन मूंगा व्यक्ति को ऊर्जा और जोश से भर देता है। किडनी के रोगों में मूंगा फायदेमंद रहता है। रत्न चिकित्सा के अनुसार मूंगा पीलिया रोग में धारण करना लाभकारी रहता है। बच्चों को मूंगा पहनाने से बालारिष्ठ रोग से बचाव होता है।
बुध का स्टोन पन्ना
बुध का रत्न पन्ना त्वचा संबंधित रोगों से बचाव करता है। इसको धारण करने से त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा पन्ना पहनने से दमा, खांसी, मिचली, अनिद्रा तथा टांसिल होने की संभावना भी कम रहती है। लीवर और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पन्ना पहनना चाहिए।
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गुरु का पुखराज
गुरु का स्टोन पुखराज मोटापे को नियंत्रित रखने की शक्ति रखता है। वहीं जो लोग बहुत दुबले हैं उनकी सेहत में भी सुधार लाता है। पुखराज धारण करने से ब्लडप्रेशर सामान्य रहता है और अल्सर और सन्निपात जैसे रोगों से सुरक्षा मिलती है।
शुक्र का रत्न हीरा
शुक्र का स्टोन हीरा शरीर में रक्त की कमी की शिकायत को दूर करता है। मोतियाबिंद और नपुंसकता जैसे रोगों से बचने के लिए भी हीरा धारण करना चाहिए। इसके अलावा हीरा पहनने से एनीमिया, हिस्टीरिया तथा क्षय रोग से बचाव होता है।
शनि का नीलम
शनि का स्टोन नीलम हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह मिर्गी, ज्वर, गठिया, एवं बवासीर के रोग में भी फायदा पहुंचाता है।
राहु का रत्न गोमेद
राहु का रत्न गोमेद पेट और पाचन संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाता है। गोमेद बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है। सर्दी, कफ तथा पित्त के रोग से भी बचने के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
केतु का रत्न लहसुनिया
केतु का रत्न लहसुनिया सर्दी और खांसी से छुटकारा दिलाता है। नपुंसकता में भी लहसुनिया धारण करना चाहिए। एनीमिया की शिकायत भी लहसुनिया पहनने से दूर होती है।
इन सभी रत्नों को अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए। ये तभी अपना पूरा प्रभाव दे पाते हैं। अभिमंत्रित रत्न प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540
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