हिंदू धर्म का बेहद खास त्योहार है महाशिवरात्रि। इस अवसर पर देशभर में व्यापक रूप से भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। वैसे तो हर महीने में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन साल में आने वाली दो शिवरात्रियां सबसे ज्यादा महत्व रखती हैं। इसमे श्रावण मास की शिवरात्रि और फाल्गुन मास की शिवरात्रि सबसे ज्यादा महत्व रखती है।
फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाहशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह शिवरात्रि बेहद शुभ योग पर आ रही है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी यानि मंगलवार के दिन है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है और हनुमान जी स्वयं भगवान शिव के रुद्र अवतार हैं। इस तरह इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास बन रही है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु कांवड में गंगा जल भरकर भगवान शिव का अभिषेक किया था। इस प्रथा की शुरुआत स्वयं महादेव के सबसे बड़े भक्त रावण ने की थी। रावण ने ही कांवड़ में गंगाजल भरकर महादेव का अभिषेक किया था जिससे महादेव बहुत प्रसन्न हुए थे। यहीं से इस प्रथा की शुरुआत हुई और आज भी शिवभक्त कठिन यात्रा कर कांवड में जल भरकर महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव का अभिषेक करते हैं।
कालसर्प दोष की पूजा के बन रहे हैं योग
अगर आपकी कुंडली में राहु और केतु की विशेष स्थिति के कारण कालसर्प दोष बन रहा है तो इस महाशिवरात्रि पर आपके जीवन की नैय्या पार लग सकती है। जी हां, इस बार महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष की पूजा के लिए महायोग बन रहा है। कालसर्प दोष सर्पों के कारण लगता है और महादेव सर्पों के राजा नागराज को स्वयं अपने गले में धारण करते हैं। कहा जाता है कि नागराज भगवान शिव के परम भक्त हैं।
ज्योतिषशास्त्र की मानें तो इस महाशिवरात्रि के योग में अगर को जातक कालसर्प की पूजा करवाता है तो केवल इस जन्म से ही नहीं बल्कि उसके आने वाले जन्मों से भी कालसर्प दोष का योग दूर हो जाएगा।
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कालसर्प दोष का प्रभाव
कालसर्प दोष के कारण आपको हमेशा ही सेहत से संबंधित परेशानियां रहती हैं। आपको कोई असाध्य रोग भी हो सकता है और आयु भी कम रहती है। आर्थिक, करियर और व्यवसाय में मेहनत के बाद भी नुकसान हो जाता है और मनचाहा फल नहीं मिल पाता है।
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महाशिवरात्रि पर कहां और कैसे करवाएं कालसर्प दोष की पूजा
किसी अनुभवी और महापंडित से कालसर्प दोष की पूजा करवानी चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन इस पूजा को करवाने से आपको दोगुना फल प्राप्त होगा इसलिए भूलकर भी इस मौके को अपने हाथ से ना जाने दें। आप महाशिवरात्रि या अन्य किसी शुभ योग में कालसर्प दोष की पूजा पं. सूरज शास्त्री से भी करवा सकते हैं।
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महाशिवरात्रि पर पूजन का शुभ समय
दिनांक : 13 फरवरी, 2018
निशिथ काल पूजा : 24:09 से 25:01
पारण का समय : 07:04 से 15:20 तक (14 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि आरंभ : 22:34 (13 फरवरी)
चतुर्दशी तिथि समाप्त : 00:46 (15 फरवरी)
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540
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