लंकापति रावण को सबसे बड़ा महापंडित भी कहा जाता है। भले ही रामायण में रावण ने नकारात्मक भूमिका निभाई हो लेकिन उसमें कई गुण भी विद्यमान थे। रावण को अनेक शास्त्रों का ज्ञान था और इसी वजह से उसे महापंडित कहा जाता है। रावण ने रावण संहिता का भी निर्माण किया था।
असुर सम्राट होने के बावजूद रावण एक महान ज्योतिषशास्त्री और प्रकांड पंडित भी था। किवदंती है कि ब्रह्मांड के सारे ग्रह रावण के इशारों पर चलते थे। रावण ने ग्रहों को भी अपने अधीन कर रखा था। जब मेघनाद अपनी मां के गर्भ में था तभी रावण ने सभी ग्रहों को एक निश्चित स्थ्िति में रहने का आदेश दे दिया था जिससे उसका पुत्र यशस्वी और महान योद्धा के रूप में जन्म ले।
भले ही रावण खलनायक हो लेकिन उसमें अनेक गुण भी विद्यमान थे। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी, अत्यंत बलशाली और अनेकों शास्त्रों का ज्ञाता प्रकांड विद्वान पडित एवं महाज्ञानी था। कहा जाता है कि रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था।
पद्ममपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, कूर्मपुराण, रामायण, महाभारत, आनंद रामायण, दशावतारचरित आदि ग्रंथों में रावण का उल्लेख किया गया है। रावण के जन्म से संबंधित भिन्न-भिन्न ग्रंथों में अलग-अलग प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। यहां तक कि रावण के उदय को लेकर अलग-अलग धारणाएं प्रचलित हैं।
खगोलविज्ञान और ज्योतिष विज्ञान के साथ रावण तंत्र का ज्ञाता भी था। उसने अपने ज्ञान को रावण संहिता में संजोकर रखा था। रावण संहिता में बताए गए तांत्रिक उपायों को आज भी महत्व दिया जाता है।
आज हम आपको रावण संहिता में बताए गए कुछ तांत्रिक उपायों के बारे में ही बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपका भाग्य चमक सकता है।
रावण संहिता से धन प्राप्ति का उपाय
अगर आप धन लाभ चाहते हैं तो सुबह जल्दी उठें और किसी नदी या तालाब में जाकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी वटवृक्ष के नीचे शांत जगी पर चमड़े का असान बिछाकर उस पर बैठ जाएं। आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा, मंत्र का जाप करें। 21 दिनों तक जाप करने के बाद आप जैसे ही ये मंत्र सिद्ध कर लेंगें आपके जीवन में धन की प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।
आकर्षण का केंद्र
अगर आप आकर्षक दिखना चाहते हैं या आकर्षण का केंद्र बनना चाहते हैं तो बिजौरा नीबू या बिल्व पत्र को बकरी के दूध के साथ पीसकर अपने माथे पर लगाकर निकलें। इससे आपका आकर्षण जरूर बढ़ेगा।
रावण संहिता का दसों दिशाओं से धन प्राप्ति का उपाय
दीपावली की रात्रि को विधिपूर्वक महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के बाद सो जाएं और सुबह जल्दी उठकर पलंग पर ही बैठकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें – ऊं नमो भगवती पद्म पदमावी उं ह्री ऊं ऊ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा।।
मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में 10-10 बार फूंक मारें। इस उपाय से साधक दसों दिशाओं से धन प्राप्त होता है।
कोई इस बात का अनुमान भी नहीं लगा सकता कि अगर रावण नहीं होता तो देवी सीता और भगवान राम इतने महान कैसे बन पाते। जब तक खलनायक नहीं होता तब तक नायक नहीं बनता, ये बात रामायण के संदर्भ में बिलकुल सार्थक है।
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