सूर्य अग्नि प्रधान ग्रह है और रूबी यानि माणिक रत्न उसका प्रमुख रत्न है। माणिक सब रत्नों का राजा माना जाता है। यह कुरुंदा समूह का रत्न है। कुंडली में अगर सूर्य कमजोर स्थिति में है तो इस रत्न को धारण करने का विधान है। माणिक रत्न अत्याधिक शक्तिशाली है, यह मुख्य रूप से एलुमिनियम ऑक्साइड है तथा यह बहुत ही अनमोल रत्न है। माणिक्य विभिन्न जगहों में पाएं जाने के कारण जलवायु परिवर्तन का असर इसके रंगों में भी दिखाई देता है।
माणिक गहरे लाल रंग से गुलाबी रंग तक का होता है, यह बहुत चमकदार रत्न होता है। माणिक खनिज के रूप में सबसे ज्यादा म्यांमार, बर्मा में पाया जाता है। इसके अलावा यह भारत, पाकिस्तान, नेपाल, कंबोडिया, अफगानिस्तान, जापान, स्कॉटलैंड, नामीबिया में पाया जाता है।
गहरा लाल रंग होने के बाद भी यह रत्न ट्रांस्पेरेंट होता है। सूर्य ग्रह माणिक्य रत्न का स्वामी है, इस रत्न को धारण करने के बाद नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है।
माणिक्य और सिंह राशि का सम्बन्ध
माणिक्य रत्न का अधिपति ग्रह सूर्य है और सूर्य की राशि सिंह है, इसलिए सिंह राशि के लोगों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना लाभदायक होता है। सूर्य की कृपा से जातक को हर कार्य में सफलता मिलती है, इसलिए अगर सिंह राशि के लोग सफलता पाना चाहते हैं तो माणिक्य रत्न जरुर पहनना चाहिए।
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आइये जानते है माणिक्य के प्रभाव से कैसे बदल सकती है आपकी तकदीर
- अगर नौकरी या कारोबार में व्यवधान उत्पन्न हो रहा हो तो माणिक्य रत्न जरुर धारण करना चाहिए, ऐसा करने से नौकरी/कारोबार में लाभ होता है।
- बदनामी से बचने के लिए भी माणिक रत्न धारण करना उत्तम माना गया है।
- पुत्र या भाई के सम्बन्ध में किसी प्रकार की चिंता सता रही हो तो माणिक रत्न के प्रभाव से यह चिंताएं समाप्त हो जाती है।
- सरकारी क्षेत्र में बार बार असफलताओं का सामना करना पड़ रहा हो तो माणिक धारण करने से सरकारी कामों में सफलता मिलती है।
- माणिक रत्न आपके अन्दर छिपी हुई हिचकिचाहट या संकोच प्रवृत्ति को ख़त्म कर निडर तथा आत्मविश्वास जागृत करता है।
- आँखों की समस्याओं से परेशान है तो माणिक्य धारण करने से आँखों से सम्बंधित दिक्कते काफी हद तक ख़त्म हो जाती है।
- माणिक के प्रभाव से मन में प्रेम भावना जागृत होती है एवं व्यक्ति में नेतृत्व करने के गुण आते है।
- उच्च पद पर आसीन लोगों को माणिक रत्न के प्रभाव से लाभ होता है, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
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ज्योतिष और माणिक्य के लाभ
- कुंडली में सूर्य अगर अशुभ भाव में है और किसी भी काम से आप संतुष्ट नहीं है, ऐसी स्थिति में सूर्य को बल प्रदान करने के लिए माणिक्य धारण किया जाता है, इसके पश्चात आपको हर कार्य में संतुष्टि के साथ सफलता मिलती है।
- दूसरे भाव में सूर्य धन प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करता है, तथा जातक के रोजगार में व्यवधान उत्पन्न करता है ऐसी स्थिति में माणिक्य धारण करना लाभकारी होता है।
- पांचवे भाव में सूर्य हो तो अत्याधिक लाभ तथा उन्नत्ति के लिए माणिक्य पहनना चाहिए।
- यदि सूर्य भाग्येश और धनेश होकर छठे या आठवें भाव में बैठे हो तो माणिक्य धारण करना लाभदायक होता है।
- कुंडली में सूर्य अगर आठवे भाव में हो तो माणिक्य रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
- बारहवें भाव में सूर्य हो तो आँखों के लिए समस्या उत्पन्न होती है, ऐसे में अगर माणिक्य धारण किया जाएँ तो आँखों से सम्बंधित दिक्कते दूर होती है।
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