दो मुखी रुद्राक्ष का सम्बन्ध भगवान शिव तथा माता पार्वती से है। दो मुखी रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ और मानव कल्याण के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इस रुद्राक्ष को देवेश्वर भी कहा गया है। दो मुखी रुद्राक्ष से बनी माला धारण करने के बाद माता पार्वती तथा भगवान् शिव का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
महत्व- अगर आपके हाथों जाने-अनजाने में किसी प्रकार के पाप हुए है और अंतिम अवस्था में अगर आप दो मुखी रुद्राक्ष से बनी माला धारण करते हैं, तो आपको पापी होने के बावजूद भी उन पापों से आपको मुक्ति मिल जाती है और आप स्वर्ग की प्राप्ति करते है।
उत्पत्ति- दो मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भारत देश के कई क्षेत्रों में होती है और इंडोनेशिया, नेपाल में भी यह रुद्राक्ष पाया जाता हैं परन्तु नेपाल का दो मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ माना गया है। शिव महापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद ब्रह्म हत्या और गो हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है।
चंद्र देव- दो मुखी रुद्राक्ष पर चंद्र देव का आशीर्वाद होता है। कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव कर्क राशि के स्वामी है, इसलिए कर्क राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष से बनी माला धारण करना बड़ी सौभाग्य की बात हैं।
इस माला को धारण करने के बाद मन शांत रहता है, मन को चंद्रमा जैसी शीतलता मिलती है।
दो मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- दो मुखी रुद्राक्ष से बनी माला धारण करने के बाद मान-सम्मान में वृद्धि के साथ-साथ जीवन में कई तरह के सकारात्मक बदलाव होते हैं।
- इस माला को धारण करने के बाद आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- यह रुद्राक्ष मन को शीतलता प्रदान करता है, जिसके कारण मन में बुरे विचार नहीं पनपते और मन अच्छे कार्य की ओर अग्रसर होता है।
- गृहस्थ जीवन में इस माला के प्रभाव से पति-पत्नी के बीच मतभेद कम हो जाते है और दाम्पत्य जीवन सुखद व्यतीत होता हैं।
- इस माला के प्रभाव से भूत-प्रेत, बाधाओं से मुक्ति मिलती है, मन में किसी प्रकार का भय नहीं रहता।
- इस माला के प्रभाव से, आपकी जो भी मनोकामनाएं है, उसकी पूर्ति बहुत ही जल्दी होती है।
- दो मुखी रुद्राक्ष से बनी हुई माला में चंद्र देव का वास होता है, जो धारणकर्ता के जीवन में चांदनी जैसी शीतलता प्रदान करता है।
- पारिवारिक जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष से बनी माला बहुत ही लाभकारी है।
दो मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने का मंत्र
दो मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने का मंत्र “ॐ नमः”, “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमः दुर्गाए” है।
इसके अलावा “ॐ अर्ध्नारिश्वराए नमः” मंत्र का दिन में 5 माला रोज़ जाप करने से शिव और माँ पार्वती की विशेष कृपा बरसती है।
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