भगवान शिव का रुद्र रूप है ग्यारह मुखी रुद्राक्ष। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को एकादशी रूद्र भी कहा जाता हैं क्योंकि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस रुद्राक्ष धारण किया जाता है, इसमें हनुमान की गुणवत्ता, ध्यान, आशीर्वाद और समर्पण पाया जाता हैं। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक का भाग्योदय होता हैं और आय के बंद स्रोत खुलते है। व्यापार, कारोबार में वृद्धि होती है। व्यापारियों के लिए ग्यारहमुखी रुद्राक्ष अति उत्तम फल प्रदान करने वाला माना गया है। व्यापारियों के लिए ग्यारहमुखी रुद्राक्ष अति उत्तम फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस रुद्राक्ष की सतह पर 11 रेखाएं होती हैं। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को शिखा में बांधना या गले में धारण करना चाहिए। धन-संपत्ति, भाग्योदय के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का मानव जीवन में महत्त्व
मानव कल्याण के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का बहुत महत्त्व होता हैं, इसे धारण करने वाले व्यक्ति को राजनीति, कूटनीति और हर क्षेत्र में विजय हासिल होती है। सेहत से सम्बंधित दिक्कते कम होती है। यदि दाम्पत्य जीवन में जीवनसाथी के साथ किसी प्रकार की शारीरिक समस्या उत्पन्न हो रही है तो उससे मुक्ति मिलती है। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता हैं, यह व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता हैं।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष और ज्योतिष का सम्बन्ध
वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी मंगल है। इसी कारण ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करनेवाले व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यदि कुंडली में मंगल कमजोर हो अथवा अस्त हो तो ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभदायक होता है। इसके प्रभाव से सभी क्षेत्र में विजय होती है। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष एक सफल एवं उत्तम रुद्राक्ष माना गया है, इसलिए हनुमान जी की उपासना करने वाले कारोबारियों को इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
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किस राशि के लिए सबसे उत्तम हैं
वैसे तों ग्यारह मुखी रुद्राक्ष सभी राशि के लोग धारण करव सकते हैं परन्तु मेष और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल अशुभ घर में है या मंगल ग्रह की दशा या अन्तर्दशा चल रही है तो ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को पहनना उचित होता है। साथ ही यह शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने में सहायता करता हैं।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- व्यापारियों के लिए ग्यारहमुखी रुद्राक्ष अति उत्तम फल प्रदान करने वाला माना गया है। व्यापारियों को यह अवश्य धारण करना चाहिए।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद समाज में प्रसिद्धि मिलती है। व्यक्ति का भाग्योदय होता है। यह व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता हैं। यह उन लोगों को प्रोत्साहित करने में मदद करता हैं, जो जीवन में असफलताओं का सामना करते हैं और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं
- इस रुद्राक्ष में वह ताकद होती हैं जो शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता हैं,
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक चिंतामुक्त और साहसी, निडर हो जाता है। शत्रु भय से मुक्त हो जाता है।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन को प्रकाशमय करने में अहम भूमिका निभाता है।
- इस रुद्राक्ष के प्रभाव से धारणकर्ता को कामकाज में बढ़िया धन लाभ होता है तथा मान-सम्मान के साथ साथ उसकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को राजनीति, कूटनीति और हर क्षेत्र में विजय हासिल होती है।
- ग्यारह मुखी ध्यान और भगवान के प्रति एकल-भक्ति पर ध्यान केन्द्रित करने में जातक की मदद करता हैं, व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता हैं।
- नि:संतान को संतान सुख देनेवाला यह रुद्राक्ष उन महिलाओं के लिए किसी जादू से कम नहीं हैं जिन्हें संतान प्राप्ति में दिक्कते आ रही हैं या संतान नहीं हो रही, उन्हें यह 11 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व गंगाजल या कच्चे दूध से उसे शुद्ध करें। इसे धारण करने के लिए एक घी का दीपक जलाकर उसे रंगोली में रंगे हुए चावल पर रखें। प्रातःकाल स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा की और बैठकर ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को जागृत करने के लिए “ॐ ह्रीं हूँ नमः” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण 108 बार करें।
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