नवरात्रे के शुभ दिन आरंभ हो गए हैं। मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्र के नौ दिन अत्यंत सिद्धकारी माने जाते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि नवरात्रों के दिनों में किस तरह से घर बैठे ही कैसे यंत्र बना सकते हैं और किस ग्रह के यंत्र को कैसे सिद्ध कर सकते हैं। कौन-सा यंत्र आपको बनाना चाहिए, कितने मंत्रों का जाप करना चाहिए और घर बैठे कैसे इन यंत्रों से आप अपनी परेशानी को दूर कर सकते हैं, जानते हैं इन सब सवालों के जवाब -:
सूर्य यंत्र
क्यों है जरूरत -: सरकारी नौकरी पाने के लिए, मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी, कानूनी मसलों से बचने के लिए और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी के लिए सूर्य का यंत्र बनाएं।
मंत्र-: भोजपत्र पर सूर्य यंत्र बनाने के पश्चात् ‘ऊं घृणी सूर्याय नम:’ मंत्र का 7000 बार जाप करें। इस यंत्र को लाल धागे में लपेटकर अपनी कलाई पर भी बांध सकते हैं।
चंद्रमा यंत्र
क्यों है जरूरत -: डिप्रेशन की समस्या, पारिवारिक कलह, किसी की बात का बहुत जल्दी बुरा मान जाते हैं, मां की तबियत खराब रहती या मानसिक कष्टों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो चंद्रमा यंत्र बनाएं।
मंत्र -: चंद्रमा यंत्र बनाने के बाद ‘ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ का मंत्र का 11000 हजार बार जाप करें।
मंगल यंत्र
क्यों है जरूरत -: कोई आपको धमकाता हो तो, शरीर में खून की कमी है, ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको मंगल यंत्र से लाभ होगा।
मंत्र -: मंगल यंत्र बनाने के पश्चात् ‘ऊं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमये नम:’ मंत्र का 10,000 बार जाप करें।
बुध यंत्र
क्यों है जरूरत -: गणित में कमजोर हैं, बुद्धि को बढ़ाने के लिए, कार्य कुशलता के लिए बुध यंत्र बनाएं।
मंत्र -: बुध यंत्र बनाने के बाद ‘ऊं ब्रां ब्रीं स: बुधये नम:’ मंत्र का 9000 बार जाप करें।
बृहस्पति यंत्र
क्यों है जरूरत -: संतान से संबंधित हर परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
मंत्र -: ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:’ मंत्र का 19000 बार जाप करें।
शुक्र यंत्र
क्यों है जरूरत -: किसी को आकर्षित करने, प्रेम को पाने और अपनी बोली में प्रभावशीलता लाने, वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए शुक्र यंत्र बनाएं।
मंत्र -: ‘ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राये नम:’ मंत्र का 16,000 बार जाप करें।
शनि यंत्र
क्यों है जरूरत -: मेहनत का फल नहीं मिलता, शारीरिक परेशानी और आलस दूर भगाने के लिए शनि यंत्र बनाएं।
मंत्र -: ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शन्ये नम:’ मंत्र का 23000 की संख्या में जाप करें।
राहु-केतु यंत्र
राहु मंत्र -: ‘ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:’ मंत्र का 18000 बार जाप करें।
केतु मंत्र -: ‘ऊं स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतुवे नम:’ मंत्र का 17000 बार जाप करें।
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