षष्ठी तिथि पर मृत्यु होने वाले पूर्वजों और संबंधियों का श्राद्ध षष्ठी तिथि पर संपन्न किया जाता है। इसके अंतर्गत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष तृतीया को मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों का श्राद्ध करने का विधान है।
षष्ठी श्राद्ध को छठ श्राद्ध भी कहा जाता है। षष्ठी श्राद्ध 11 सितंबर, 2017 को है।
पितृ पक्ष श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध है और इसे संपन्न करने का शुभ समय कुटुप मुहूर्त और रोहिणा है। मुहूर्त के शुरु होने के बाद आप अपराह्रन काल के खत्म होने के मध्य किसी भी समय श्राद्ध क्रिया संपन्न कर सकते हैं। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।
श्राद्ध का शुभ समय :
कुतुप मुहूर्त : 11.52 से 12.42
समयावधि : 49 मिनट
रोहिणा मुहूर्त : 12.42 से 13.31
समयावधि : 48 मिनट
अपराह्रन काल : 13.31 से 15.59
समयावधि : 2 घंटे 26 मिनट
षष्ठी तिथि की शुरुआत : 10 सितंबर, 2017 को प्रात: 5.23 बजे आरंभ
षष्ठी तिथि का समापन : 11 सितंबर, 2017 को 3.14 बजे समाप्त
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