पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र में अपराह्रन काल के दौरान भरणी श्राद्ध किया जाता है। महालय पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र चतुर्थी तिथि या फिर पंचमी तिथि को पड़ता है।
भरणी श्राद्ध को चौथ भरणी और भरणी पंचमी भी कहा जाता है। जब भरणी नक्षत्र चतुर्थी तिथि को पड़ता है तो इसे चौथ भरणी और पंचमी तिथि को पड़ने पर भरणी पंचमी कहा जाता है। कई बार भरणी नक्षत्र तृतीया तिथि को भी पड़ा है। इसलिए भरणी श्राद्ध किसी एक तिथि से जुड़ा हुआ नहीं है।
भरणी श्राद्ध को महाभरणी श्राद्ध भी कहा जाता है। पितृ पक्ष के दौरान नक्षत्र भरणी का अत्यधिक महत्व है क्योंकि इसके स्वामी मृत्यु के देवता यमराज हैं।
भरणी श्राद्ध को तर्पण करने से गया में श्राद्ध करने जितना ही फल मिलता है। पितृ पक्ष श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध है और इसे संपन्न करने का शुभ समय कुटुप मुहूर्त और रोहिणा है। मुहूर्त के शुरु होने के बाद आप अपराह्रन काल के खत्म होने के मध्य किसी भी समय श्राद्ध क्रिया संपन्न कर सकते हैं। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।
भरणी श्राद्ध 10 सितंबर, 2017 को है।
श्राद्ध का शुभ समय :
कुतुप मुहूर्त : 11.53 से 12.42
समयावधि : 49 मिनट
रोहिणा मुहूर्त : 12.42 से 13.31
समयावधि : 48 मिनट
अपराह्रन काल : 13.31 से 16.00
समयावधि : 2 घंटे 27 मिनट
भरणी नक्षत्र की शुरुआत : 10 सितंबर, 2017 को 10.37 बजे आरंभ
भरणी नक्षत्र का समापन : 11 सितंबर, 2017 को 9.20 बजे समाप्त
पितृ पक्ष में स्थापित करें ये कवच नहीं होगी धन- सम्मान की कमी
इसके अलावा अगर आपके जीवन में पैसों से संबंधित कोई और परेशानी भी चल रही है या आप किसी अन्य मुसीबत की वजह से परेशान हैं तो बेझिझक हमसे कहें। AstroVidhi के अनुभवी ज्योतिषाचार्य आपकी हर मुश्किल का समाधान बताएंगें।
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : AstroVidhi Facebook Page
The post जानिए कैसे करना है पितृ पक्ष में महाभरणी श्राद्ध, जानें पूजन का शुभ समय appeared first on AstroVidhi.